saathi

साथी

लगा नहि था कि जिंदगी कि इस मोड पर कभी मिलेंगे उनसे

बिना सोचे, बिना समझे दिल खो बैठेंगे उनसे ||

कभी जो ख्वाबो मे था ,वह हकीकत बन जायेगा

ऐसे हि मुसाफिर बनकर सफर मे साथ निभायेगा ||

कभी जो बाते अधुरी थी वह पुरी कर लेंगे ,

उनकी मुस्कान मे खुद को छुपाकर रख लेंगे ||

सोचा नहि था एक पल मे सब बदल जायेगा

जो कभी दूर था अब पास नजर आयेगा ||

मगर यह सफर भी कही थम जायेगा

वह साथी भी एक दिन बिछड जायेगा ||

जिंदगी कि एक मोड पर मिले थे जो

किसी एक मोड पर खो जायेंगे वह||

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